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Health Fitness Tips Hindi

जब हम पिछले 365 दिनों से समय को बचाते हुये और भविष्य के लिये भी कुछ समय अपने लिये बचाना चाहते है। जिससे कि हम समाज में कुछ अलग दिख सकें। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि हम सभी अपने दैनिक जीवन में और थोड़े समय का सही उपयोग अपनी सेहत के लिये कर सकते हैं। तो हो सकता है कि आपके कैलेंडर पर वीकली योगा क्लासेस लगाने का मतलब आपको समझ मे आ जाये। 
         हालाँकि, आप अगले 12 महीनों में अपने आपको सर्वश्रेष्ठ बनाना चाहते हैं, फिर तो यह एक आपके लिये एक बड़ा डिसीज़न है, क्योंकि आजकल की प्रोफेशनल लाइफ से व्यक्ति को अपने लिये समय निकलना बहुत ही मुश्किल हो गया है। अगर आप दिखना चाहते है फिट एंड फाइन और अगर रहना चाहते है हैल्दी तो हम आपके लिये लेकर आये हैं विशेषज्ञों के अनुसार आपके लिए टाॅप 3 सुझाव। 

Health Fitness and Diet | आयुर्वेद को दें बढ़ावा 

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आयुर्वेद हमारे ऋषि मुनियों की हजारों वर्षो की मेहनत एंव अनुभव का नतीजा है। आयुर्वेद केवल रोगों की चिकित्सा तक ही सिमित नहीं है बल्कि यह जीवन मूल्यों, स्वास्थ्य एंव जीवन जीने की पूरी जानकारी देता है। आयुर्वेद के अनुसार शरीर में मूल तीन तत्त्व- वात, पित्त, कफ (त्रिधातु) हैं। अगर इनमें संतुलन बना रहे, तो कोई बीमारी आप तक नहीं आ सकती। जब इनका संतुलन बिगड़ता है, तब ही कोई बीमारी आपके शरीर पर हावी होती है। एलोपैथिक या होमियोपैथिक चिकित्सा में तुरन्त आराम तो मिलता है, परन्तु यह निश्चित नहीं कि रोग जड़ से खत्म हो जायेगा लेकिन आयुर्वेद चिकित्सा रोग के मूल कारण पर केन्द्रित है इसलिए रोग जड़ से समाप्त हो जाता है और ये दोबारा नहीं होता यदि खानपान ठीक रहे तो। आयुर्वेद में चिकित्सा करते हुए केवल रोग के लक्षणों को ही नहीं देखा जाता बल्कि इसके साथ साथ रोगी के मन, शारीरिक प्रकृति एंव अन्य दोषों की प्रकृति को भी ध्यान में रखा जाता है। यही कारण है कि एक ही रोग होने पर भी अलग अलग रोगियों की चिकित्सा एंव औषधियों में भिन्नता पाई जाती है।

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         आयुर्वेद के अनुसार कोई भी रोग केवल शारीरिक अथवा केवल मानसिक नहीं हो सकता, शारीरिक रोगों का प्रभाव मन पर पड़ता है एंव मानसिक रोगों का प्रभाव शरीर पर पड़ता है। इसीलिए सभी रोगों को मनो-दैहिक मानते हुए चिकित्सा की जाती है। इसमें किसी भी प्रकार के रासायनिक पदार्थों का प्रयोग नहीं किया जाता इसलिए इन औषधियों का हमारे शरीर पर किसी भी प्रकार का साइड इफेक्ट्स नहीं पड़ता। आयुर्वेद में रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने पर बल दिया जाता है ताकि किसी भी प्रकार का रोग न हो। हम सभी आयुर्वेद की मुख्य धारा को छोड़ कर कही और ही बहे जा रहे हैं। यही कारण है कि हमारे पास सब साधन होते हुये भी हम खुद को स्वस्थ्य महसूस नही करते। अश्वगंधा और पवित्र तुलसी भारत में हजारों वर्षों से उपयोगी और पूजनीय हैं। आयुर्वेद में, इन प्रत्येक पौधों को एक औषधि माना जाता है जो स्वास्थ्य और दीर्घायु को बढ़ाता है। आज, अश्वगंधा, पवित्र तुलसी और हल्दी, हर जगह दिखाई दे रहे हैं। परन्तु हम फिर भी इन सब से दूर हैं। अतः हमें आधूनिक जीवन शैली में भी आयुर्वेद को बढ़ावा देना चाहिये।

Health and Fitness Articles | नियमित योग भगाये रोग

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वर्तमान समय में योग बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है योग से ना केवल शारीरिक लाभ होता है बल्कि मानसिक एवं भावनात्मक रूप से भी लाभ पहुंचाता है। योग करने से शरीर में लचीलापन इतनी अच्छी तरह से बढ़ जाता है कि वजन कम होने के साथ-साथ आपकी शारीरिक क्षमता में भी वृद्धि होने लगती है। हम सभी कार्यों को अधिक क्रियाशीलता के साथ करने लगते हैं। योग करने का प्रभाव मानसिक तनाव में भी कमी आने लगती है रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होने से अनेक प्रकार की बीमारियों से भी छुटकारा होने लगता है। योग एक औषधि के रूप में कार्य करता है। हम सब अपनी दिनचर्या में योग का एक समय जोड़ तो लेते है किंतु उसे अपनी जीवन शैली में उतार नहीं पाते। अतः हमें नियमित योग के साथ व्यायाम भी करना चाहिये।

Healthy  Food | शाकाहार- सर्वोत्तम आहार

आहार सम्पूर्ण जीवन को प्रभावित करने वाला एक महत्वपूर्ण तत्व है, जिसका व्यक्तित्व निर्माण से गहरा सम्बन्ध है, आहार दो प्रकार के है- शाकाहार और मांसाहार। फल, सब्जी, अनाज, बादाम आदि, बीज सहित वनस्पतियों पर आधारित भोजन के प्रयोग को शाकाहार कहते हैं। आजकल शाकाहार का प्रचलन बहुत तेजी से बढ़ रहा है, यह परिवर्तन जागरुकता के कारण हो रहा है। जैसा आहार लिया जाता है, वैसे ही भाव-विचार और आचार होते हैं। अमेरिकन डाएटिक एसोसिएशन और कनाडा के आहारविदों का कहना है कि जीवन के सभी चरणों में अच्छी तरह से योजनाबद्ध शाकाहारी आहार स्वास्थ्य के लिये लाभदायक है और कुछ बीमारियों की रोकथाम और इलाज के लिए महत्वपूर्ण कार्य करता है’’।

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         मेडिकल साईंस व बडे-बडे डॉक्टर एवं डाएटिशियन आज यह मानते हैं कि शाकाहारी आहार में हर प्रकार के तत्व जैसे प्रोटीन, विटामिन, खनिज लवण आदि पर्याप्त मात्रा में पायें जाते हैं। शाकाहार में संतृप्त वसा, कोलेस्ट्रॉल और प्राणी प्रोटीन का स्तर कम पाया जाता है, और कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, मैग्नीशियम, पोटेशियम और विटामिन सी व ई जैसे एंटीऑक्सीडेंट तथा फाइटोकेमिकल्स का स्तर उच्चतर होता है। एक शाकाहारी को ह्रदय रोग, उच्च रक्तचाप, मधुमेह टाइप 2, गुर्दे की बीमारी, अस्थि-सुषिरता (ऑस्टियोपोरोसिस), अल्जाइमर जैसे मनोभ्रंश और अन्य बीमारियां कम हुआ करती हैं। अपनी रुचि और आर्थिक स्थिति के अनुसार पदार्थों का चयन कर शाकाहारी भोजन तैयार किया जा सकता है। शाकाहार सस्ता होने के साथ-साथ स्वादिस्ट, रोगप्रतिरोधक तथा शक्तिप्रद भी होता है। फल-सब्जियों तथा कुछ विशेष प्रकार के फाइबर अनेक रोगों को दूर करने में अचूक औषधि का काम करते हैं। अतः हम सब को अपने दैनिक भोजन में शाकाहार को प्राथमिकता देनी चाहिये। जिससे हम सभी अपने आप का फिट और फाइन महसूस करेंगे।

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